Ādhunika Hindī ālocanāGrantha-Bhāratī, 1967 - 475 lappuses |
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1.3. rezultāts no 85.
20. lappuse
... विवेचन . ये तीन आलोचना के अर्थ विस्तार के स्पष्ट चिन्ह हैं ... विवेचन किया जाता है उसे भी बालोचना ही कहते हैं और साहित्यिक विवेचन को ...
... विवेचन . ये तीन आलोचना के अर्थ विस्तार के स्पष्ट चिन्ह हैं ... विवेचन किया जाता है उसे भी बालोचना ही कहते हैं और साहित्यिक विवेचन को ...
31. lappuse
... विवेचन दर्शन का कार्य है । अनुभूतियां सत् की तो होती ही हैं , किन्तु वे सुम्दर और असुन्दर भी होती हैं अर्थात् अच्छी और बुरी भी लगती ...
... विवेचन दर्शन का कार्य है । अनुभूतियां सत् की तो होती ही हैं , किन्तु वे सुम्दर और असुन्दर भी होती हैं अर्थात् अच्छी और बुरी भी लगती ...
323. lappuse
... विवेचन २- काव्य का विवेचन ३ - साहित्य का विवेचन ४ - कविता का विवेचन ५- गद्य काव्य का विवेचन ६ - दृश्य काव्य का विवेचन ७- रसों का विवेचन ...
... विवेचन २- काव्य का विवेचन ३ - साहित्य का विवेचन ४ - कविता का विवेचन ५- गद्य काव्य का विवेचन ६ - दृश्य काव्य का विवेचन ७- रसों का विवेचन ...
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अथवा अधिक अपने अभिनवगुप्त अर्थ अर्थात् अलंकार आदि आनन्दवर्धन आलोचना इन इन्होंने इस इस प्रकार ई० उसका उसके उसे एक ऐसा ओर कर करने कला कल्पना कवि कहा जा कहा है का काल कालिदास काव्य काव्य के किन्तु किया गया है किया है किसी की कुछ के कारण के द्वारा के लिए के साथ को कोई क्योंकि गए गया है गुण चाहिए जा सकता है जाता है जिस जी ने जो तक तथा तो था दिया दो दोनों नहीं है नाटक नाट्य नाम ने पर पृ० प्रकार प्रथम प्रयोग प्राप्त प्लेटो बात भरत भाव भी भेद मात्र मानते हैं माना जा सकता में ही यदि यह यहां या ये रस लक्षण वस्तु वह वही वाले विचार विवेचन विशेष वे शब्द शुक्ल जी संस्कृत सकती साहित्य से ही स्पष्ट हिन्दी हिन्दी साहित्य ही ही है हुआ है और है कि हैं हो सकता होता है होती होने