Ādhunika Hindī ālocanāGrantha-Bhāratī, 1967 - 475 lappuses |
No grāmatas satura
1.–3. rezultāts no 86.
154. lappuse
... वह अपने को भूल जाता है और दुष्यन्तमय बना रहता है , क्योंकि तब वह सफल अभिनय ही नहीं कर सकता है , ओर न यही माना जा सकता है कि वह सर्वदा ...
... वह अपने को भूल जाता है और दुष्यन्तमय बना रहता है , क्योंकि तब वह सफल अभिनय ही नहीं कर सकता है , ओर न यही माना जा सकता है कि वह सर्वदा ...
351. lappuse
... वह अर्थ की एक इकाई हुई जो छोटी भी हो सकती है और बहुत बड़ी भी हो सकती है किन्तु वह रहेगी एक ही । सम्भवतः प्रबन्ध ध्वनि को सामने रख कर ...
... वह अर्थ की एक इकाई हुई जो छोटी भी हो सकती है और बहुत बड़ी भी हो सकती है किन्तु वह रहेगी एक ही । सम्भवतः प्रबन्ध ध्वनि को सामने रख कर ...
459. lappuse
Hari Mohan Mishra. थी । " वह ऊंचा आदर्श कौन - सा था ? मध्ययुग के काव्य की चर्चा करते हुए इन्होंने कहा है , " वह एक सुदृढ़ नींव पर स्थापित है - यह ...
Hari Mohan Mishra. थी । " वह ऊंचा आदर्श कौन - सा था ? मध्ययुग के काव्य की चर्चा करते हुए इन्होंने कहा है , " वह एक सुदृढ़ नींव पर स्थापित है - यह ...
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अथवा अधिक अपने अभिनवगुप्त अर्थ अर्थात् अलंकार आदि आनन्दवर्धन आलोचना इन इन्होंने इस इस प्रकार ई० उसका उसके उसे एक ऐसा ओर कर करने कला कल्पना कवि कहा जा कहा है का काल कालिदास काव्य काव्य के किन्तु किया गया है किया है किसी की कुछ के कारण के द्वारा के लिए के साथ को कोई क्योंकि गए गया है गुण चाहिए जा सकता है जाता है जिस जी ने जो तक तथा तो था दिया दो दोनों नहीं है नाटक नाट्य नाम ने पर पृ० प्रकार प्रथम प्रयोग प्राप्त प्लेटो बात भरत भाव भी भेद मात्र मानते हैं माना जा सकता में ही यदि यह यहां या ये रस लक्षण वस्तु वह वही वाले विचार विवेचन विशेष वे शब्द शुक्ल जी संस्कृत सकती साहित्य से ही स्पष्ट हिन्दी हिन्दी साहित्य ही ही है हुआ है और है कि हैं हो सकता होता है होती होने