Ādhunika Hindī ālocanāGrantha-Bhāratī, 1967 - 475 lappuses |
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1.–3. rezultāts no 84.
146. lappuse
... बात कही है , किन्तु वामन चित्त की एकाग्रता अर्थात् अवधान की बात करते हैं- चित्तैकाग्रयमवधानम् । चितस्यैकाग्र्यं बाह्यार्थं ...
... बात कही है , किन्तु वामन चित्त की एकाग्रता अर्थात् अवधान की बात करते हैं- चित्तैकाग्रयमवधानम् । चितस्यैकाग्र्यं बाह्यार्थं ...
411. lappuse
... बातें कही हैं जिनसे शुद्ध यूरोपीय खालोचना पद्धति पर चलने वाले लोगों के प्रति इनकी खीझ प्रकट होती है । एक स्थान पर इन्होंने कहा है ...
... बातें कही हैं जिनसे शुद्ध यूरोपीय खालोचना पद्धति पर चलने वाले लोगों के प्रति इनकी खीझ प्रकट होती है । एक स्थान पर इन्होंने कहा है ...
462. lappuse
... बात है और उससे प्रेम करना दूसरी बात । यह दूसरी बात भी नगेन्द्र जी ने मानी है क्योंकि इनका कथन है - ' वे तो प्रियतम को अणु - अणु में ...
... बात है और उससे प्रेम करना दूसरी बात । यह दूसरी बात भी नगेन्द्र जी ने मानी है क्योंकि इनका कथन है - ' वे तो प्रियतम को अणु - अणु में ...
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अथवा अधिक अपने अभिनवगुप्त अर्थ अर्थात् अलंकार आदि आनन्दवर्धन आलोचना इन इन्होंने इस इस प्रकार ई० उसका उसके उसे एक ऐसा ओर कर करने कला कल्पना कवि कहा जा कहा है का काल कालिदास काव्य काव्य के किन्तु किया गया है किया है किसी की कुछ के कारण के द्वारा के लिए के साथ को कोई क्योंकि गए गया है गुण चाहिए जा सकता है जाता है जिस जी ने जो तक तथा तो था दिया दो दोनों नहीं है नाटक नाट्य नाम ने पर पृ० प्रकार प्रथम प्रयोग प्राप्त प्लेटो बात भरत भाव भी भेद मात्र मानते हैं माना जा सकता में ही यदि यह यहां या ये रस लक्षण वस्तु वह वही वाले विचार विवेचन विशेष वे शब्द शुक्ल जी संस्कृत सकती साहित्य से ही स्पष्ट हिन्दी हिन्दी साहित्य ही ही है हुआ है और है कि हैं हो सकता होता है होती होने