Ādhunika Hindī ālocanāGrantha-Bhāratī, 1967 - 475 lappuses |
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1.–3. rezultāts no 89.
74. lappuse
Hari Mohan Mishra. काव्य के लिए साहित्य शब्द का प्रयोग प्रथम प्रथम भर्त हरि ने ही अपने प्रसिद्ध श्लोक में किया - साहित्य ... प्रथम प्रथम भर्त ...
Hari Mohan Mishra. काव्य के लिए साहित्य शब्द का प्रयोग प्रथम प्रथम भर्त हरि ने ही अपने प्रसिद्ध श्लोक में किया - साहित्य ... प्रथम प्रथम भर्त ...
323. lappuse
... प्रथम संस्करण में नौ अध्याय हैं और परिवर्धित संस्करण में सात । नीचे इनके क्रम और नाम दिए जा रहे हैं- प्रथम संस्करण १ - कला का विवेचन ...
... प्रथम संस्करण में नौ अध्याय हैं और परिवर्धित संस्करण में सात । नीचे इनके क्रम और नाम दिए जा रहे हैं- प्रथम संस्करण १ - कला का विवेचन ...
333. lappuse
... प्रथम संस्करण के ' कला ' अध्याय के ' सृष्टि की उपयोगिता और सुन्दरता ' और ' कला और उसके विभाग ' नामक प्रथम और द्वितीय प्रकरण के स्थान पर ...
... प्रथम संस्करण के ' कला ' अध्याय के ' सृष्टि की उपयोगिता और सुन्दरता ' और ' कला और उसके विभाग ' नामक प्रथम और द्वितीय प्रकरण के स्थान पर ...
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अथवा अधिक अपने अभिनवगुप्त अर्थ अर्थात् अलंकार आदि आनन्दवर्धन आलोचना इन इन्होंने इस इस प्रकार ई० उसका उसके उसे एक ऐसा ओर कर करने कला कल्पना कवि कहा जा कहा है का काल कालिदास काव्य काव्य के किन्तु किया गया है किया है किसी की कुछ के कारण के द्वारा के लिए के साथ को कोई क्योंकि गए गया है गुण चाहिए जा सकता है जाता है जिस जी ने जो तक तथा तो था दिया दो दोनों नहीं है नाटक नाट्य नाम ने पर पृ० प्रकार प्रथम प्रयोग प्राप्त प्लेटो बात भरत भाव भी भेद मात्र मानते हैं माना जा सकता में ही यदि यह यहां या ये रस लक्षण वस्तु वह वही वाले विचार विवेचन विशेष वे शब्द शुक्ल जी संस्कृत सकती साहित्य से ही स्पष्ट हिन्दी हिन्दी साहित्य ही ही है हुआ है और है कि हैं हो सकता होता है होती होने