Ādhunika Hindī ālocanāGrantha-Bhāratī, 1967 - 475 lappuses |
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1.–3. rezultāts no 79.
328. lappuse
Hari Mohan Mishra. काव्य की सार्वकालिक और सार्वदेशिक मूल्य - भावना में अविश्वास ही कहा जा सकता है । इन्होंने कहा है - " तोलने ( अर्थात् तुलना ...
Hari Mohan Mishra. काव्य की सार्वकालिक और सार्वदेशिक मूल्य - भावना में अविश्वास ही कहा जा सकता है । इन्होंने कहा है - " तोलने ( अर्थात् तुलना ...
351. lappuse
... जाता है ? क्यों नहीं अन्यान्य ग्रन्थों तक उसकी व्याप्ति मानी जाय ? यह कहा जा सकता है कि कालिदास को रघुवशियों के सम्ब च में जो कहना था ...
... जाता है ? क्यों नहीं अन्यान्य ग्रन्थों तक उसकी व्याप्ति मानी जाय ? यह कहा जा सकता है कि कालिदास को रघुवशियों के सम्ब च में जो कहना था ...
392. lappuse
... कहा जा सकता । हास्यरस की अनुभूति और करुण रस की अनुभूति का अन्तर अस्वीकार नहीं किया जा सकता , किन्तु शुक्ल जी ने जिस आधार पर रस के भेद ...
... कहा जा सकता । हास्यरस की अनुभूति और करुण रस की अनुभूति का अन्तर अस्वीकार नहीं किया जा सकता , किन्तु शुक्ल जी ने जिस आधार पर रस के भेद ...
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अथवा अधिक अपने अभिनवगुप्त अर्थ अर्थात् अलंकार आदि आनन्दवर्धन आलोचना इन इन्होंने इस इस प्रकार ई० उसका उसके उसे एक ऐसा ओर कर करने कला कल्पना कवि कहा जा कहा है का काल कालिदास काव्य काव्य के किन्तु किया गया है किया है किसी की कुछ के कारण के द्वारा के लिए के साथ को कोई क्योंकि गए गया है गुण चाहिए जा सकता है जाता है जिस जी ने जो तक तथा तो था दिया दो दोनों नहीं है नाटक नाट्य नाम ने पर पृ० प्रकार प्रथम प्रयोग प्राप्त प्लेटो बात भरत भाव भी भेद मात्र मानते हैं माना जा सकता में ही यदि यह यहां या ये रस लक्षण वस्तु वह वही वाले विचार विवेचन विशेष वे शब्द शुक्ल जी संस्कृत सकती साहित्य से ही स्पष्ट हिन्दी हिन्दी साहित्य ही ही है हुआ है और है कि हैं हो सकता होता है होती होने